tag:blogger.com,1999:blog-4962844441091590328.post7222926266290299287..comments2023-04-07T04:33:53.598-07:00Comments on saya ......साया: प्रेम सहजवाला जी की नजर से साया की कुछ कवितारंजू भाटियाhttp://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-4962844441091590328.post-77892548924098144312009-01-28T07:21:00.000-08:002009-01-28T07:21:00.000-08:00पर विषयों की विविधता आपके भावी संग्रहों में आशान्व...पर विषयों की विविधता आपके भावी संग्रहों में आशान्वित होगी जिस का अर्थ यह नहीं कि ये विषय आप को छोड़ना है. <BR/>मार्के की बात ! और उस दिशा में भी कवयित्री के कदम उठ चुके हैं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4962844441091590328.post-17755994136268812302009-01-28T06:49:00.000-08:002009-01-28T06:49:00.000-08:00आपके पोस्ट के कुछ शब्द टूटे हुए है ....या मेरे क...आपके पोस्ट के कुछ शब्द टूटे हुए है ....या मेरे कम्प्यूटर पर टूटे हुए नजर आ रहे हैं......मुझे तो वर्ड पर पेस्ट कर पढना पडा।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4962844441091590328.post-51975671889423846712009-01-28T05:09:00.000-08:002009-01-28T05:09:00.000-08:00हमें भी ये किताब गिफ्ट कर दो आंटी .हमें भी ये किताब गिफ्ट कर दो आंटी .नटखट बच्चाhttps://www.blogger.com/profile/02706148313477513113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4962844441091590328.post-43178215371765988202009-01-28T04:28:00.000-08:002009-01-28T04:28:00.000-08:00रंजना जी आप की पुस्तक अनूठी है....मैंने उस पर एक प...रंजना जी आप की पुस्तक अनूठी है....मैंने उस पर एक पोस्ट लिखने का मन बनाया है...जल्द ही आप के सामने लाऊंगा...समस्या ये है की सागर को गागर में कैसे भरा जाए?<BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4962844441091590328.post-87363963254886094372009-01-28T03:55:00.000-08:002009-01-28T03:55:00.000-08:00कहने की जरुरत न थी, वाकई इमानदार अभिव्यक्ति है. आग...कहने की जरुरत न थी, वाकई इमानदार अभिव्यक्ति है. आगे भी इन्तजार रहेगा.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4962844441091590328.post-15098578290278132462009-01-28T00:20:00.000-08:002009-01-28T00:20:00.000-08:00अच्छी समीक्षा। उदाहरण भी अच्छे पसंद किये है। ये पग...अच्छी समीक्षा। उदाहरण भी अच्छे पसंद किये है। ये पगली शब्द सच बहुत अच्छा लगता है। खैर अब रंजू जी आपकी रचनाएं मेट्रो में भी पढी जाने लगी है बधाई हो। अब तो पार्टी बनती है। और हाँ पुराने वाला वाक्य मत दुहराना जी।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4962844441091590328.post-6783889819669240072009-01-27T23:16:00.000-08:002009-01-27T23:16:00.000-08:00"सुंदर और निश्चल समीक्षा "Regards"सुंदर और निश्चल समीक्षा "<BR/>Regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4962844441091590328.post-76487620053039636702009-01-27T22:45:00.000-08:002009-01-27T22:45:00.000-08:00इसका मतलब यह हुआ कि अब हम लोगों को और अधिक गहराइयो...इसका मतलब यह हुआ कि अब हम लोगों को और अधिक गहराइयों में गोते लगाने का मौका मिलेगा. प्रतीक्षा रहेगी आभार.Anonymousnoreply@blogger.com