जाने लोग यहाँ क्या-क्या तलाश करते हैं
पतझड़ों में हम सावन की राह तक़ते हैं
अनसुनी चीखों का शोर हैं यहाँ हर तरफ़
गुँगे स्वरों से नगमे सुनने की बात करते हैं
जाने लोग यहाँ क्या-क्या तलाश करते हैं .....
बाँट गयी है यह ज़िंदगी यहाँ कई टुकड़ों में
टूटते सपनों में,अनचाहे से रिश्तों में
अजनबी लगते हैं सब चेहरे यहाँ पर
हम इन में अपनों की तलाश करते हैं
जाने लोग यहाँ क्या-क्या तलाश करते हैं .....
हर गली हर शहर में डर है यहाँ फैला हुआ
सहमा-सहमा सा माहौल हर तरफ़ यहाँ बिखरा हुआ
संगदिल हो गयी है यहाँ अब हर दिल की धड़कन
बंद दरवाज़ो में हम रोशनी तलाश करते हैं
जाने लोग यहाँ क्या-क्या तलाश करते हैं ...........
सब की ज़ुबान पर है यहाँ अपने दर्द की दास्तान
फैली हुई हर तरफ़ नाकाम मोहब्बत की कहानियाँ
टूटा आईना लगता है हर शख़्स का वज़ूद यहाँ
हम अपने गीतों में फिर भी खुशी की बात रखते हैं
जाने लोग यहाँ क्या क्या तलाश करते हैं .....
ख़ुद को ख़ुद में पाने की एक चाह है यहाँ
प्यार का एक पल मिलता है यहाँ धोखे की तरह
बरसती इन चँद बूंदों में सागर तलाश करते हैं
घायल रूहों में अब भी जीने की आस रखते हैं
जाने लोग यहाँ क्या-क्या तलाश करते हैं .....
पतझड़ों में हम सावन की राह तक़ते हैं
अनसुनी चीखों का शोर हैं यहाँ हर तरफ़
गुँगे स्वरों से नगमे सुनने की बात करते हैं
जाने लोग यहाँ क्या-क्या तलाश करते हैं .....
बाँट गयी है यह ज़िंदगी यहाँ कई टुकड़ों में
टूटते सपनों में,अनचाहे से रिश्तों में
अजनबी लगते हैं सब चेहरे यहाँ पर
हम इन में अपनों की तलाश करते हैं
जाने लोग यहाँ क्या-क्या तलाश करते हैं .....
हर गली हर शहर में डर है यहाँ फैला हुआ
सहमा-सहमा सा माहौल हर तरफ़ यहाँ बिखरा हुआ
संगदिल हो गयी है यहाँ अब हर दिल की धड़कन
बंद दरवाज़ो में हम रोशनी तलाश करते हैं
जाने लोग यहाँ क्या-क्या तलाश करते हैं ...........
सब की ज़ुबान पर है यहाँ अपने दर्द की दास्तान
फैली हुई हर तरफ़ नाकाम मोहब्बत की कहानियाँ
टूटा आईना लगता है हर शख़्स का वज़ूद यहाँ
हम अपने गीतों में फिर भी खुशी की बात रखते हैं
जाने लोग यहाँ क्या क्या तलाश करते हैं .....
ख़ुद को ख़ुद में पाने की एक चाह है यहाँ
प्यार का एक पल मिलता है यहाँ धोखे की तरह
बरसती इन चँद बूंदों में सागर तलाश करते हैं
घायल रूहों में अब भी जीने की आस रखते हैं
जाने लोग यहाँ क्या-क्या तलाश करते हैं .....
8 टिप्पणियां:
रंजना जी,..वाह!!!!!बहुत अच्छी रचना...
मेरी नई पोस्ट की चंद लाइनें पेश है....
सब कुछ जनता जान गई ,इनके कर्म उजागर है
चुल्लू भर जनता के हिस्से,इनके हिस्से सागर है,
छल का सूरज डूबेगा , नई रौशनी आयेगी
अंधियारे बाटें है तुमने, जनता सबक सिखायेगी,
पूरी रचना पढ़ने के लिए काव्यान्जलि मे click करे
संगदिल हो गयी है यहाँ अब हर दिल की धड़कन
बंद दरवाज़ो में हम रोशनी तलाश करते हैं
...बहुत खूब! मर्मस्पर्शी भावाभिव्यक्ति..
जाने लोग यहाँ क्या-क्या तलाश करते हैं .....
बहुत ही भाव मय .. इतनी सुन्दर रचना देने के लिए धन्यवाद्
आपकी ये रचना कल चर्चामंच पे चर्चा में रहेगी !
सादर
कमल
ख़ुद को ख़ुद में पाने की एक चाह है यहाँ
प्यार का एक पल मिलता है यहाँ धोखे की तरह
bahut umda prastuti,
सुंदर भावाभिव्यक्ति रंजना जी ...
हम मरने के बाद भी सुकून की तलाश करते हैं...
बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...
बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!
शुभकामनायें.
आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है बस असे ही लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये
http://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
http://madanmohansaxena.blogspot.in/
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